डलहौज़ी, हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांतिपूर्ण वातावरण, और पर्वतीय दृश्यों के लिए जाना जाता है। यह स्थान पहाड़ों से घिरा हुआ है और विशाल हरियाली वाले मैदानों से घिरा हुआ है, जिन्हें इसे “हिमाचल का स्विट्जरलैंड” के रूप में जाना जाता है।

खज्जियार
डलहौज़ी का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जिसे “भारतीय मिनी स्विट्जरलैंड” (Mini Switzerland) के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर विशाल घास के मैदान, आकर्षक झील, और घने देवदार वृक्षों की चादर होती है, जो इसे अद्वितीय बनाती है। खज्जियार में यात्रियों को ट्रैकिंग, पिकनिकिंग, और शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद लेने का अवसर मिलता है।
डेनकंड पीक
डलहौज़ी में डेनकंड पीक भी एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है, जो अपनी ऊँचाई से चारों ओर के पर्वतीय दृश्यों के लिए जाना जाता है। यहाँ से आप पिर पंजाल पर्वत श्रृंगों के बर्फ से ढंके पीक्स और घाटियों के पैनोरेमिक दृश्य का आनंद ले सकते हैं।


पोहलानी माता जी
पोहलानी माता मंदिर डलहौजी में एक एतिहासिक मंदिर है। पहले यह माना जाता था कि यह शक्तिशाली डायनों का आवास है। स्थानीय लोग पोहलानी माता की पूजा करते हैं, जो डायनों को मारने वाली देवी की अवतारिणी के रूप में मानी जाती हैं और यहाँ श्रद्धा के प्रतीक के रूप में ‘त्रिशूल’ की पूजा की जाती है। यह डलहौजी से लगभग 8.1 किमी की दूरी पर स्थित है और यहाँ से पिंजल रेंज की शानदार नजरें हैं यह डैनकुंड (Dainkund) मे ही है। यह ऊँची पहाड़ी 2,755 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ से कैलाश पर्वत (Kailash Parvat) के भी दर्शन हो जाते है यहाँ पर भोले शंकर शिव जी का निवास स्थान है
कालाटोप
कालाटोप वन्यजीव अभयारण्य एक अन्य प्रसिद्ध स्थल है डलहौज़ी में, जो वन्य जीवन, प्राकृतिक सौंदर्य, और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है। यहाँ आप प्रमुख जंगली प्राणियों के देखभाल के साथ-साथ बर्ड वॉचिंग भी कर सकते हैं।


पंचपुला
पंचपुला एक अन्य महत्वपूर्ण स्थल है, जहाँ स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजीत सिंह को समर्पित एक स्मारक स्थित है। यहाँ पर नए और ठंडे जलस्रोतों का आनंद लिया जा सकता है, जो इस स्थल को दर्शनीय बनाते हैं।
चामेरा झील
यहाँ आप बोटिंग का आनंद ले सकते हैं और चारों ओर की पर्वत श्रृंगों का शांतिपूर्ण दृश्य देख सकते हैं। यह डलहौजी से लगभग 37 किमी की दूरी पर है।

माता भलेई जी
डलहौजी के पास स्थित माता भलेई जी मंदिर, देवी दुर्गा के अवतार देवी भलेई माता को समर्पित एक पूजनीय धार्मिक स्थल है। माना जाता है कि इस ऐतिहासिक मंदिर की स्थापना 16वीं शताब्दी में राजा प्रताप सिंह के शासनकाल के दौरान की गई थी, जो आध्यात्मिक शांति की तलाश में कई भक्तों को आकर्षित करता है। सुरम्य परिदृश्यों के बीच बसा यह मंदिर आसपास की घाटियों और पहाड़ों के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है, जो आगंतुकों के लिए एक शांत और ध्यानपूर्ण वातावरण बनाता है। यह डलहौजी से लगभग 44 किमी और चमेरा झील से लगभग 6.8 किमी की दूरी पर स्थित है।










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